दिल का दर्द आंखों से बरस रहा सुकून की तलाश में मन तरस रहा. दिल का दर्द आंखों से बरस रहा सुकून की तलाश में मन तरस रहा.
ये लंगोटधारी ये लंगोटधारी
लूट गया सब कुछ यूं खड़ा खड़ा बूंद बूंद वो गिर पड़ा.. लूट गया सब कुछ यूं खड़ा खड़ा बूंद बूंद वो गिर पड़ा..
गर्मी की तपन न ठंड की कंपन, मन प्रफुल्लित जो करे बाग देख हरी-भरे गर्मी की तपन न ठंड की कंपन, मन प्रफुल्लित जो करे बाग देख हरी-भरे
ये पत्ते, हरे पत्ते देखते हैं जमीं पर गिरे पीले पत्ते ये पत्ते, हरे पत्ते देखते हैं जमीं पर गिरे पीले पत्ते
सिर्फ रिसते। सिर्फ रिसते।